पश्चिम बंगाल में नौकरियों के लिए विरोध - पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया

पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में एसएससी की चाल, बेरोजगारी और अन्य मुद्दों को चुनौती देने वाले डीवाईएफआई (मेजरिटी रूल यूथ लीग ऑफ इंडिया) के मजदूरों और सहयोगियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज और टर्मिनेटेड नर्व गैस के गोलों का सहारा लिया।

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पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में, पुलिस ने DYFI (डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया) के कार्यकर्ताओं और समर्थकों पर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे, जो SSC घोटाले, बेरोजगारी और अन्य मुद्दों का विरोध कर रहे थे।

गुरुवार को डीवाईएफआई के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने राज्य सचिवालय के बाहर रोजगार के अवसरों की मांग की। मौके पर काफी संख्या में पुलिस अधिकारी व आला पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।

पुलिस द्वारा तिनबत्ती मोड़ के पास सभा को रोके जाने के बाद प्रदर्शन अशांत हो गया और गैर-अनुरूपतावादियों और पुलिस के बीच संघर्ष शुरू हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया।

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प्रमुख कार्यकर्ता मीनाक्षी मुखर्जी वामपंथी झुकाव वाले छात्र संगठन डीवाईएफआई की प्रभारी हैं, जिसने प्रदर्शन का आयोजन किया था। सूत्रों के मुताबिक, मुखर्जी सहित कई डीवाईएफआई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है।

पुलिस के अनुसार, कार्यकर्ताओं ने उन पर पथराव किया, जिससे उन्हें आंसू गैस और लाठी चार्ज करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

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