एस्ट्रोसैट डेटा का विश्लेषण करने के लिए वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को सक्षम करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा अवसर की घोषणा (एओ) जारी की गई
एस्ट्रोसैट 2015 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा लॉन्च किया गया एक बहु-तरंगदैर्ध्य खगोल विज्ञान उपग्रह है। उपग्रह को पराबैंगनी से लेकर एक्स-रे तक, तरंग दैर्ध्य की एक विस्तृत श्रृंखला में आकाशीय पिंडों का निरीक्षण करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, और इसने भारतीय खगोल विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। शोध करना।
अंतरिक्ष एजेंसी ने उपग्रह पर लगे अपने सभी पांच वैज्ञानिक उपकरणों से अभिलेखीय डेटा उपलब्ध कराया है, अर्थात्, पराबैंगनी इमेजिंग टेलीस्कोप (UVIT), सॉफ्ट एक्स-रे टेलीस्कोप (SXT), बड़े क्षेत्र का एक्स-रे आनुपातिक काउंटर (LAXPC), कैडमियम जिंक टेलुराइड इमेजर (सीजेडटीआई) और स्कैनिंग स्काई मॉनिटर (एसएसएम)। शोधकर्ता डेटा एक्सेस के लिए आवेदन कर सकते हैं और अपना स्वयं का डेटा विश्लेषण और वैज्ञानिक जांच कर सकते हैं। इसरो के इस कदम से भारत में खगोल विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान और खोजों को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
यह एक बहु-संस्थान सहयोगी परियोजना है, जिसमें IUCAA, ISRO, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (मुंबई), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (बेंगलुरु), और फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी (अहमदाबाद) शामिल हैं।
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